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My Feelings, My Word - अपने दिल को तेरी आहट पे धडकते देखा,

Again some word belonging to my feelings....my poem....

अपने दिल को तेरी आहट पे धडकते देखा,
लरजते लबों से फूलों को झड़ते देखा,
तू नहीं थी कंही भी, ना आस ना पास,
फिर भी दिल की राहों से तुझको गुज़रते देखा,

आईना रूठ कर हर बार टूट जाता है, 
जब भी मैंने खुद में तेरा अक्स देखा,
वो पूनम का चाँद देखो, शरमा के छूप गया,
बादल की ओट से उसने जो तुझको देखा,

गुमसुम था कि तेरी तस्वीर मिल गयी,
और तेरी आँखों में खुद को चहकता देखा,
ना पूछ कि क्या हाल है "कुंवर" अब तेरा,
तेरे बगैर तो खुद को बेहाल हमने देखा,

......Kunwar Bharat Singh